कोई तालिया तो बजाओ

अद्भुत कहेने की बात ! पानी लो ! पानी लो !!
मालूम होते हुए भी समज नहीं सकते !! मुर्ख की दौड़ की बाते कर नहीं सकते !! श्रोता समजते क्यों नहीं है ? यही अज्ञान है !!जो ज्ञान को परोसना चाहते है वो तो उन लोगो के पास है या तो उन लोगो को जरुर नहीं है !!!बेकार का भार उठाए हुए है या तो ये कोई ऐसी कीमत वाली चीज़ नहीं है !रास्ता भी देखना जरुर नहीं है !! कूआ बन जा !! आयेगा वो प्यास बुजायेगा | नहीं पिएगा तो क्या नुकशान है तेरा !! कूए को चिल्लाने की जरुरत नहीं है - पानी लो ! पानी लो !!! पानी लो !!!!! पानी को तो पानी का रास्ता करने का है !! ज्ञान भी इश्वर की ही सम्पति है उसे जहा जाना है वहा जाय !! क्योकि कही भी जा सकता है !! यही तो कुदरत की लीला है !!
यहाँ देखने जायेंगे तो शिक्षक जैसी  वेदना है . जिसे कुछ कहेना है वो कहता ही जाता है . मैंने अब कईबार सुखी लोगो के शादी ब्याह के प्रोग्रामो में गाने वाले का हल देखा है ! कईबार तो कोई सुनता ही नहीं होता है उन गायकों को ! अरे बहोत अच्छे गायक का भी दया जनक हाल होता है !! अरे कोई तालिया तो बजाओ ऐसा कहना पड़ता है ! बस यह का जवाब है शिक्षक बनो !! क्लास में सभी पढ़ने में होशियार हो ये कैसे हो सकता है ! फिर भी शिक्षक तो अपने पास है वो देते ही जाता है !!
कोई ध्यान नहीं देता है तब मुझे संत ज्ञानेश्वर याद आते है ! उन्होंने भैसा को वेद पढाया था !!

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Rajendraprasad Vyas B.Sc.(maths),M.A.(Sanskrit),Jyotishacharya(m.s.u.) DEOJYOTISHALAYA.6,sahajanand soc.,b/h subhash park,haraani rd.,vadodara 390006(India) email: rvyas@astrowebindia.com web: www.astrowebindia.com
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