ज्ञान धन माहि मनुज फसयो



ज्ञान धन से दुनिया है। लेकीन यह सब तब तक है जब तक देह है। इसीलिए तनकी वेल्यु है ! किन्तु मन नही है तो बात नही बनती ! इसलिए इन्सान को चाहिये की मन मजबूत रक्खे !किंतु यह सब जिंदा है तो ही है !इसीलिए आत्मबल का महत्व है । इससे यह साबीत होता है आत्मा मन तन यह तीन मुख्य है । भारतीय ज्योतिष पध्दति वाले चंद्र मन तथा लग्न शरीर और सूर्य आत्मा इसीप्रकार का प्राधान्य रखते है। ज्ञानका सम्बन्ध बुध्धि से है ! और बुध्धि दिमाग से चलती है । बुध का सम्बन्ध बुध्धिसे है। यह बुध चंद्र पुत्र है ! धन प्रत्यक्ष है !जो पृथ्वी से सम्बंधित है !तो एक चैतन्य से जुड़ा एक जड़ से जुडा है ! धन समाजमे है तब कामका है और ज्ञान एकान्तमे हो या समाजमे दोनों जगह कामका है !!
इसी लिए ज्ञानी को पहचानना भी अलग बात बन जाती है
स्थिति सर्वदा रहत है ज्ञानी की गंभीर !
जानत बांके मर्म को संत कोई शूरवीर !!

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