यह तो प्रकाश है !!

जो बाटने  से घटता  है वो ज्ञान नहीं अज्ञान ही है !! देखने जाओ तो ज्ञान प्रकाश है ! अन्धकार नहीं ! इसे फैलना ही अपने आप की आदत है !! जो सहज है । मैंने यह श्लोक ब्राह्मण की स्वभाव वर्णं में देखा है यजनं  याजनं अध्ययन अध्यापन दानो दान प्रतिग्रहम-- बहोत  ऊँची बात यह है की ब्राह्मण का कर्त्तव्य हे यज्ञ  करना और करवाना ! अध्ययन करना और करवाना !!  दान लेना और देना !! एक अद्भुत समुदाय जो भारत में हुआ वह ब्राह्मण है !! आर्थिक चक्र के आज के माहोल में हमने इस जाती के विकासके  बदले पोलिटिकल चक्कर में इसे धीरे धीरे खोना चालू किया है !! हमने उबलते दूध में मलाई की ओंर उसके विकास का ध्यान कम दिया है !! विरोधी वर्गों ने भारतीय आर्थिक नहीं इसके ज्ञान भंडार पर भी युक्ति पूर्वक हमला किया जान पड़ता है !! अमीरी गरीबी के चक्कर में ज्ञान के भंडार खो गए है !! जो ब्राह्मण का बच्चा पढाई में होशियार होता है वो ज्यादाकर  के डाक्टर कोम्पुटर इजनर में जाने लगा है !! भारत की सच्ची शक्ति ज्ञान ही है !! आज विकसि त देशो के मुल्को में देखेंगे की उनकी प्रगति का सच्चा रहस्य पैसा नहीं ज्ञान ही है !! रिसर्च शोध विज्ञानं के आधार से ही वो आगे है !!हमने रिसर्च एंड डेवलोपमेंट में जैसे कुछ इन्वेस्टमेंट किया ही नहीं !! गरीब निचला वर्ग मुस्लिम वगैरह के वोटो में ध्यान  रक्खा है !! वास्तव में इनका उपयोग किया है !!जंतर मंतर - मदुरा का आर्किटेक - आयुर्वेद -ज्योतिष -आर्य भट्ट - भास्कर - धन्वन्तरी  वि। को भूलने का पाप ही हमारे जो कुछ भी दुःख है उसका कारण  है !! सुधार वाद के नाम के पीछे हमने मलाई खोने के सिवा कुछ नहीं किया है !!ज्ञान का कोई देश नहीं है न जात है !! यह तो प्रकाश है !! इसे बंद करने से रहता है केवल अन्धकार !!
एक बार ऐसे बहस चल रही थी।  उसमे एक महा शय तो इतने चालू हो गए के" क्या है इस देशमे !!! आज इ सीमेंट ब्रिज बिल्डिंगे जो कुछ भी है यह अंग्रेजो कि दें ही है !! चारो और देखो सब कुछ तो उनका बनाया है रेलवे बस कार !! "
यही  बात दयाजनक  है  . हमने कभी हमारी खुद कि अस्मिता कि और देखा ही नहीं !! मुझसे रहा नही  गया मैंने कहा ताजमहल -मदुरै मंदिर  --केदार-रामेश्वरम  वह सीमेंट था ?? अंग्रेज ने बनाये है !! जिनको अपनी अस्मिता ही नहीं है वो खुद अपने को गिरा देते है !! चारो वर्णो में शुद्र की  श्रेष्ठता वोही है के वो प्रभु के चरण से पैदा है !! ब्राह्मण मुख से !! क्षत्रिय बाहु से !! वैश्य उदर से ! और सारी  दुनिया छूती है प्रभु के चरण को !! यह शुद्र कि सेवा कि प्रसंशा  है !! जो लोग गलत जस्टिफिकेशन कर रहे वो वास्तव में देश  द्रोही है !!!
सिर्फ वोट के लिए अबुधो को अज्ञान बाटना !! 

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