गति और दिशा तो निर्जीवो के पास भी है !!

जगत में जीव और निर्जीव  दो विभाग है ! जीवित  में  चलन  हिलना है !! अब मानो की कोई जीवसृष्टि ही  न  रही। तो  निर्जीव  रह जायेगा।  तो उसमे पृथ्वी तारे सब होंगे।  तो यह सभी वैसे  थोड़े रहेंगे ? वो तो  रहेंगे  घूमते !! मतलब निर्जीवो में भी गति तो है ही।  दिशा भी है ! अरे छोटे से एटम में न्युक्लिअस प्रोटोन इलेक्ट्रॉनों का घूमते रहना !! बस यहाँ एक बात तय होती है गति और दिशा तो निर्जीवो के पास भी है !! ये कोई मनुष्य की शोध नहीं है !!
निर्जीव भी बना है अनेक एटम से और सजीव भी बना है अनेक एटम से !! और जगत की सबसे छोटी चीज़ जो आज तक समज में आई है यह एटम ही है !!
एक बात खास करके याद रहे " निर्जीवो के समूहों से जीव  बनता है !!  जीवो से  निर्जीव नहीं बनता है !!"
निर्जीवो इग्नोर  क्यों करते है   ?   पत्थरो से बाते करते थे किशोरकुमार !! लोग हँसते थे !! मुल्लानसरुद्दीन जाते थे अपने गाव बड़े पत्थर  शिलको   मिलने  !!
और दुःख की बात ये है ज्यादातर अध्यात्मिक उपदेशक गुरु ओ को सायंस का ज्ञान ही नहीं है !!कभी कभी तो उन लोगो पर दया आती है जब वो समजा नहीं पाते है वो बात जो खुदको ही पूरी तरह समज न आई हो !!इसलिए एक नसमज के ग्रुप में खो जाते है !! ब्रांड ड्रेस  कोई सूत्र बनाके जैसे एक पोलीटिकल  पार्टी जैसी आध्यात्मिक पार्टी बना देते है !!बन जाते है आश्रम !!

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