पञ्च भुत
पञ्च तत्वों को लेकर देव पंचायत का प्राधान्य है । यही पंचा तत्त्व देह में भी है । देह में पंच तत्त्व का मूर्ति के रूप में जो है वो गृह देवाता है । ज्योतिष शास्त्र से लेना देनी एवं मंत्र अवक ड हा दी चक्रोसे नियत करवाकर देव पंचायत रखनी चाहिए। अग्नि देवी , भूमि शिव , वायु सूर्य ,जल गणेश और आकाश विष्णु पंचायत प्रसिध्ध है । अग्नि की जगह देवी ,वायु की जगह हनुमान,शनि वगैरह देवता ये अपनी श्रध्दा अनुसारत : रख सकते है। इसीके आगे है ग्राम देवाता। अब तो ग्राम देवता के कई मंदिर बनते गए है गावों और शहरों में ! यही पंच तत्त्व की देह की स्तिति का वर्णन है यहाँ पर ।
बस सीधे शब्द में कहे तो यह समष्टि मंदिर है अग्नि भूमि वायु वारी अवकाश का !!
अगर यह न समज ए तो गाँव के मंदिर में पांच देव को समजो !!
अगर यह भी नहीं तो घर में देव पंचायत से समजो !!
आखिर में यह अपने देहमंदिर में तो समजो !!
बस सीधे शब्द में कहे तो यह समष्टि मंदिर है अग्नि भूमि वायु वारी अवकाश का !!
अगर यह न समज ए तो गाँव के मंदिर में पांच देव को समजो !!
अगर यह भी नहीं तो घर में देव पंचायत से समजो !!
आखिर में यह अपने देहमंदिर में तो समजो !!
डोंगरे महाराजने भी पंचदेव पूजा का माहात्म्य कहा है
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