निधि अर्थात सम्पति।
निधि अर्थात सम्पति। नव निधि के प्रकार है !! कुछ लोगो के पास सम्पति अपनी एक ही पीढ़ी में में खत्म हो जाती है !! कुछ लोगो की सम्पति अगले पुत्र पौत्रादि तक चलती है !! यह भाग्य की बात है !! जैसे रोग भी वारिस में जाते रहते है !! पद्म यह भाग्य शैली सत्वगुणी धातु फल निरंतर है महापद्म सत्वगुण रत्नादि वेपार ७ पेढ़ी मकर तमोगुणी उच्च लोगो से सम्बन्ध शास्त्र और चौर जैसे लोगो से अंत १ पीढ़ी कच्छप यह तमोगुणी है १ पीढ़ी रहती है मुकुंद रजोगुणी १ पीढ़ी रहती है नन्द तमोगुणी १/८ पीढ़ी निल सत्व+रज: गुनी ३ पीढ़ी रहती है शंख राज:+तम: गुनी १ पीढ़ी रहती है !! इसलिए अपनी सम्पति का भी भुक्तने की आयु डोरी है !! बच्चे सम्हाल सकेंगे की नहीं !!! वास्तु ज्योतिष से इसका मार्गदर्शन मिल सकता है कुण्ड इसक़ाफ़ल विचित्र है પુત્તે જાયે કવગુણું...