भगवान को वंदन ।

हिन्दू फिलोसोफी में परमात्म तत्व एक ही है और सर्व व्यापी है। देव मनुष्य किन्नर गंधर्व इत्यादि  विविध योनि है ।भगवान शब्द संबोधन है । ये गुण जिसके पास होते है वो भगवान कहलाता है ।
ऐश्वर्यस्य समग्रस्य यशस: श्रीय: ।

ज्ञानवैरा ग्य यो श्च एव षणा म इतिरणा ।।
अगर ये गुण आप मे है तो आप भी भगवान बन सकते हो ।जैसे ज्ञानवान धनवान इत्यादि वैसे ये छह गुण वाले भगवान कहलाते है । इनका जीवन होता है ।जैसे बुद्ध महावीर राम कृष्ण ईसु वगैरह ।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आयुर्वेद ज्योतिष

जीवन का मूल्य क्या है?